सनराइजर्स हैदराबाद और चेन्नई सुपर किंग्स के मुकाबले में कुछ ऐसा हुआ जिसकी खूब चर्चाएं हो रही है। चेन्नई की पारी के 19वें ओवर में रविंद्र जडेजा थ्रो और विकेट के बीच में आ गए थे। गेंद उनके शरीर पर लगी और इसी वजह से रन आउट होने से बच गए। ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड की नियम के अनुसार रविंद्र जडेजा को आउट दिया जा सकता था। लेकिन सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान पैट कमिंस ने अपील नहीं करने का फैसला लिया। इसके लिए उनकी सराहना हो रही है, लेकिन एक एंगल से यह भी है कि उन्होंने जडेजा को अपने फायदे के लिए आउट नहीं किया।
रन बनाने के लिए जूझ रहे थे रविंद्र जडेजा
रविंद्र जडेजा डेथ ओवरों में रन बनाने के लिए जूझ रहे थे। जब उनके खिलाफ अपील हुई, तो जडेजा 20 गेंद पर 25 रन बना कर खेल रहे थे। 14वें ओवर में कोई बल्लेबाज उतरता है और वह 19वें ओवर तक फ्रिज पर होता है। तो उनसे तेज पारी की उम्मीद की जाती है। लेकिन जडेजा छक्का तो क्या, चौका भी नहीं मार पा रहे थे। ऐसे में पैट कमिंस ने अपील वापस लिया तो जडेजा क्रीज पर ही रहे।
अगले बल्लेबाज थे महेंद्र सिंह धोनी
अगर रविंद्र जडेजा के खिलाफ अपील होती तो वह आउट दे दिए जाते, तो अगले बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी क्रीज पर आते। धोनी भले ही आईपीएल में ही खेलते हैं, लेकिन उनका बल्ला रन उगल रहा है। पिछले मैच में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ उन्होंने आखिरी ओवर में 20 रन कूट दिए थे। हो सकता है कि, यही वजह हो कि पैट कमिंस ने रविंद्र जडेजा के खिलाफ अपील वापस लेने का फैसला किया।
मोहम्मद कैफ ने उठाया सवाल
जडेजा के खिलाफ ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड अपील वापस लेने पर पैट कमिंस से दो सवाल। क्या संघर्ष कर रहे जडेजा को क्रीज पर रहने देना और धोनी को अंदर रखना एक रणनीतिक फैसला था? अगर वर्ल्ड टी20 में विराट कोहली होते तो क्या वह भी ऐसा ही करते?
Two questions to Pat Cummins on withdrawing the obstructing the field appeal against Jadeja. Was it a tactical call to let a struggling Jadeja be the crease and keep Dhoni indoors? Would he have done the same if it was Virat Kohli at World T20?
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) April 5, 2024