कभी करते थे झाड़ू पोछा का काम, आईपीएल ने बदली किस्मत, अब उनके नाम से डरती है सभी टीमें

Rinku Singh Struggle Story: रिंकू सिंह आज इस नाम को भला कौन नहीं जानता होगा। लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग 2023 से पहले रिंकू का नाम गुमनामी में था। रिंकू को इक्का दुक्का मैचों में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलने का मौका मिलता था। लेकिन उसमें वह कुछ खास नहीं कर पाते थे। प्लेइंग-11 में तो मौका नहीं मिल पाता था। लेकिन वह सब्सीट्यूट के तौर पर फील्डिंग के लिए अक्सर मैदान पर देखे जाते थे। इन सब के बीच रिंकू के लिए एक अच्छी बात यह थी कि, वह केकेआर के स्क्वार्ड में लगातार बने रहे।

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मौका नहीं मिला तो क्या हुआ रिंकू अपनी प्रैक्टिस में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। रिंकू की यही मेहनत और लगन उनके लिए एक दिन काम आई। आईपीएल 2023 में केकेआर के कप्तान श्रेयस अय्यर चोटिल हुए। ऐसे में टीम को लोअर ऑर्डर में एक अच्छे फिनिशर की जरूरत पड़ी तो मैनेजमेंट ने रिंकू सिंह पर अपना दाव खेला और वह फिट भी बैठा। रिंकू को सीजन के सभी 14 मैचों में खेलने का मौका मिल गया। यहीं से उनकी किस्मत बदलना शुरू हुआ।

आईपीएल 2023 से पहले रिंकू सिंह

आईपीएल 2023 के बाद हर कोई रिंकू सिंह को जानने लगा है। लेकिन इससे पहले की कहानी काफी संघर्षमय रही है। क्रिकेटर बनना उनके लिए एक सपना के जैसा था। खेलने के लिए ना ढंग का बैट था ना जूते और ना कपड़े। फिर भी किसी तरह इन चीजों का जुगाड़ होता गया। पिता चाहते थे कि, रिंकू पढ़ाई लिखाई कर कोई अच्छा काम करें। ताकि घर की आर्थिक हालत ठीक हो सके। बड़ा भाई अलीगढ़ में ऑटो चलाता था। जबकि, पिता साइकिल पर गैस सिलेंडर पहुंचाने का काम करते थे। लेकिन रिंकू तो अपनी ही धूम में थे।

रिंकू को क्रिकेट का जुनून था। वह कुछ भी करके क्रिकेट बनना चाहते थे। लेकिन हालात ऐसे थे कि, एक बार तो हिम्मत जवाब दे गई। ऐसे में उनके भाई ने रिंकू को एक जगह झाड़ू पोछा लगाने का काम पर रखवा दिया। लेकिन रिंकू का मन तो क्रिकेट में लगता था। उन्होंने सफाई के काम को छोड़ दिया और फिर से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया।

जिद्दी रिंकू सिंह के आगे पिता ने मानी हार

रिंकू की जिद्दी के आगे पिता ने हार मान ली। रिंकू क्रिकेट ना खेलें इसके लिए पिता ने कई बार उनकी पिटाई भी की थी। लेकिन सब कुछ करने के बावजूद जब रिंकू नहीं माने तो उन्होंने भी छोड़ दिया। फिर किया था रिंकू को जहां मौका मिलता वह खेलने निकल पड़ते। धीरे-धीरे रिंकू का नाम होने लगा। लोकल टूर्नामेंट में रिंकू ने जबर्दस्त खेल का प्रदर्शन किया। पिता को जब पता चला तो उन्हें लगा की उसी में कुछ नाम कर सकता है।

इसके बाद धीरे-धीरे रिंकू को घर से सपोर्ट मिलना शुरू हुआ। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति फिर भी ठीक नहीं थी। लगातार कड़ी मेहनत से रिंकू को यूपी के लिए अंडर-16, अंडर-19 और अंडर-23 में खेलने का मौका मिला। इसके बाद वह रणजी ट्रॉफी में भी खेले। यहां से वह पीछे मुड़कर नहीं देख। 2018 में उन्हें केकेआर ने मौका दिया और फिर उनकी किस्मत ने पलटी मारी। लेकिन उसके लिए भी उन्हें 5 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा।

5 छक्के ने बदली रिंकू सिंह की किस्मत

संघर्ष की कहानी के बाद अब बात करते हैं रिंकू के किस्मत बदलने की। रिंकू सिंह आईपीएल 2023 से पहले 4 सीजन को मिलाकर कुल 17 मैच खेल पाए थे। लेकिन 2023 के सीजन में उन्हें 14 मैचों में मौका मिला और इसी सीजन में वह केकेआर के हीरो बनकर निकले। दरअसल, 2023 में गुजरात के खिलाफ रिंकू ने यश दयाल के ओवर में लगातार पांच छक्के लगाकर टीम को चमत्कारी जीत दिलाई थी।

इसी पारी के बाद से रिंकू की किस्मत बदल गई और वह केकेआर के लिए वह जीत की गारंटी बन कर निकले। इसके बाद रिंकू की टीम इंडिया में एंट्री हुई। भारतीय टीम में भी रिंकू एक फिनिशर बनकर उभरे। टीम इंडिया के लिए रिंकू को 15 टी20 और दो वनडे में खेलने का मौका मिल चुका है।

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